हारुमी अराई, फूमी हयाशी, ममी उएदा और मिसाको हिसामात्सू
पृष्ठभूमि: इस अध्ययन का उद्देश्य जापान में पहली बार प्रीफेक्चरल स्तर पर अस्पताल में भर्ती कैंसर से पीड़ित सिज़ोफ्रेनिक रोगियों की वर्तमान स्थितियों को समझना था। तरीके: नर्सों के साथ एक प्रश्नावली सर्वेक्षण किया गया, जिन्हें कैंसर से पीड़ित सिज़ोफ्रेनिक रोगियों की देखभाल करने का अनुभव था, जिनकी प्राथमिक शिकायत ICD-10 मानदंडों के अनुसार निदान की गई मानसिक और व्यवहार संबंधी विकार थी। परिणाम: प्रीफेक्चर ए में मानसिक अस्पतालों में कैंसर से पीड़ित 90 तीस वर्षीय या उससे अधिक उम्र के सिज़ोफ्रेनिक रोगी भर्ती थे, जिनमें 44 पुरुष और 46 महिलाएँ शामिल थीं। पैंसठ वर्ष या उससे अधिक उम्र के रोगी कम उम्र के रोगियों की तुलना में अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहे। निष्कर्ष: मानसिक अस्पतालों में कैंसर से पीड़ित 70% से अधिक सिज़ोफ्रेनिक रोगी कैंसर के निदान के 1-2 वर्षों के भीतर मर गए, उनमें से आधे को उनके कैंसर के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला। सामान्य अस्पतालों के साथ घनिष्ठ सहयोग, जिसमें रोगियों के भाई-बहन उनके प्रमुख व्यक्ति हैं, और वर्तमान कैंसर बीमा पर पुनर्विचार, जिसके लिए उपचार के लिए रोगी की सहमति की आवश्यकता होती है, कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो इस शोध से उभरे हैं। और उनमें से केवल कुछ को ही उनके कैंसर रोग की स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण दिया गया, उसके बाद उन्हें लक्षणात्मक उपचार दिया गया और उनकी मृत्यु हो गई।