नीलेश चौधरी*, अनिल वेंकटचलम और अनीता सोनी
उद्देश्य: युवा महिलाओं में ऑप्सोक्लोनस मायोक्लोनस अटैक्सिया सिंड्रोम के कारण, उपचार और परिणाम के संबंध में अध्ययन करना।
परिणाम: 26 वर्षीय महिला को पिछले एक सप्ताह से चलने के दौरान असंतुलन की समस्या थी, साथ ही पूरे शरीर में बार-बार झटकेदार हरकतें होती थीं, साथ ही ऑसिलोप्सिया भी था। जांच में ऑप्सोक्लोनस, कॉर्टिकल मायोक्लोनस और एपेंडिकुलर और ट्रंकल अटैक्सिया पाया गया।
उसका एमआरआई ब्रेन, सीएसएफ रूटीन, सीएसएफ एनएमडीए नेगेटिव था। उसे आईवीआईजी पर रखा गया था। उसके पूरे शरीर के पीईटी स्कैन से दाएं डिम्बग्रंथि टेराटोमा का संकेत मिला था, इसलिए उसे तुरंत टेराटोमा के लेप्रोस्कोपिक एक्सीजन के लिए ले जाया गया। हिस्टोपैथोलॉजी से सौम्य टेराटोमा का संकेत मिला।
उसे तीन महीने तक मौखिक प्रेडनिसोलोन पर रखा गया। दवा कम करने के बाद उसे फिर से अटैक्सिया और ऑप्सोक्लोनस हो गया। अवशिष्ट टेराटोमा के लिए मूल्यांकन नकारात्मक था। उसके सीरम एनएमडीए एंटीबॉडी सकारात्मक थे। उसे रिटक्सिमैब पर रखा गया है और उसने महत्वपूर्ण सुधार दिखाया है।
निष्कर्ष: डिम्बग्रंथि टेराटोमा के कारण ऑप्सोक्लोनस मायोक्लोनस अटैक्सिया सिंड्रोम दुर्लभ है, इसका उपचार सर्जिकल छांटना और इम्यूनोसप्रेसिव थेरेपी है। ऑप्सोक्लोनस मायोक्लोनस अटैक्सिया सिंड्रोम वाली सभी युवा महिलाओं को अंतर्निहित डिम्बग्रंथि टेराटोमा के लिए पूरी तरह से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।