प्रसन्न मिश्रा*, अर्चना चौधरी, सुरेश कासवां और कृष्णराज सिंह
ऊर्जा को देश के आर्थिक विकास के लिए सबसे बुनियादी तत्वों में से एक माना जाता है। हज़ारों सालों से, ऊर्जा का उपयोग मनुष्य द्वारा विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने के लिए कई तरीकों से किया जाता रहा है। उपलब्धता, उपयोग और प्रसंस्करण आदि जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर ऊर्जा को कई तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है। सभी प्रकार के ऊर्जा संसाधनों में से, इसे मोटे तौर पर नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों में वर्गीकृत किया जा सकता है। दुनिया भर में, अधिकतम ऊर्जा कोयले आदि जैसे पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से उत्पन्न होती है। गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का सबसे बड़ा दोष उनकी अनुपलब्धता है और यह विभिन्न प्रकार के प्रदूषण उत्पन्न करता है। नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन (यानी, पवन, सौर ऊर्जा और समुद्री ऊर्जा आदि) पारंपरिक संसाधनों के सर्वश्रेष्ठ और आशाजनक विकल्पों में से एक माने जाते हैं। ये संसाधन प्रकृति में असीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और किसी भी तरह का प्रदूषण उत्पन्न नहीं करते हैं। इस समीक्षा पत्र में विभिन्न प्रकार के ऊर्जा संसाधनों और उनसे जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। विभिन्न क्षेत्रों द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग प्रदूषण सांद्रता को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।