दो अणुओं के बहुत तेज गति से टकराने के बाद जुड़ने वाले शोध को संलयन शोध कहा जाता है। यहाँ अंत में दो नाभिकों के संलयन से एक नये प्रकार के परमाणु नाभिक का निर्माण होता है।