नितीश अरोड़ा
प्रस्तावित परियोजना में ऊर्जा मीटर का डिज़ाइन शामिल है जो प्रत्येक घर में जाने वाले व्यक्ति के बिना रीडिंग देता है। मीटर के तीन घटक हैं अर्थात ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन्स (GSM), कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (CDMA 2000) और डिजिटल एडवांस्ड मोबाइल फोन सर्विस (D-AMPS)। GSM मॉडेम में उपभोक्ता की तरफ़ SMS के लिए एक सिम कार्ड और संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए उपयोगिता की तरफ़ SMS गेटवे होता है। संचार के लिए, CDMA भागीदारों के बीच एक्सेस कोड प्रदान करता है जिसे PN कोड कहा जाता है। बिजली की चोरी को काफी हद तक कम किया जा सकता है क्योंकि इसका काम मोबाइल की तरह ही होता है जिसमें ऊर्जा का उपयोग करने से पहले भुगतान करना होता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए मानक SMS दरों पर शुल्क लिया जाएगा। कम लागत पर रीडिंग का प्रसारण सुनिश्चित करेगा कि दूर-दराज के स्टेशन पर बिजली की खपत के मूल्यों को अधिक नियमित रूप से प्रसारित किया जा सके। इसे उपग्रह संचार जैसी अन्य तकनीकों के साथ जोड़ा जा सकता है जो जलवायु परिवर्तन के प्रति बहुत संवेदनशील है। CDMA तकनीक के साथ संयुक्त होने पर डेटा ट्रांसमिशन में सुधार होता है और हस्तक्षेप कम होता है। इस विशेष विधि को औद्योगिक उद्देश्य के लिए बढ़ाया जा सकता है। औद्योगिक उद्देश्य के लिए हमें ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क में नुकसान की गणना करनी होती है।