संहिता मुक्कला
चट्टानों के लिए तेल प्राप्ति की प्रारंभिक जल संतृप्ति की जांच स्वतः अवशोषण प्रयोगों का उपयोग करके की जाती है। प्रयोग तनु समुद्री जल को अवशोषण द्रव के रूप में तथा महासागरीय जल को प्रारंभिक जल के रूप में उपयोग करके किए जाते हैं। द्रव में pH तथा Ca2+, Mg2+, Na+, तथा K+ धनायनों की सांद्रता में परिवर्तन के प्रभाव की जांच की जाती है। कम लवणता वाले जल इंजेक्शन के दौरान कार्बोनेट चट्टानों में मौजूद सक्रिय धनायनों को खोजने के लिए परिणामों का उपयोग किया जाता है। कम लवणता वाले जल इंजेक्शन द्वारा तेल प्राप्ति पर प्रारंभिक जल संतृप्ति का प्रभाव। इसका प्रभाव इसके मान तथा इस प्रकार चट्टान की पारगम्यता पर निर्भर करते हुए सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है। द्विसंयोजी धनायनों की सांद्रता की तुलना दर्शाती है कि Ca2+ का न्यूनतम अधिशोषण तथा Mg2+ का अधिकतम विशोषण स्वतः अवशोषण की अधिकतम तेल प्राप्ति का कारण बनता है। परिणाम दर्शाते हैं कि Ca2+, Mg2+, तथा Na+ के तीन धनायन चट्टानों में प्रारंभिक जल के रूप में समुद्री जल तथा अवशोषण द्रव के रूप में तनु समुद्री जल की उपस्थिति में मौजूद होते हैं, क्योंकि पोटेशियम की मात्रा स्थिर रहती है।