स्मृति अग्रवाल
वैश्वीकरण का प्रभाव भारतीय वस्त्र उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों पर देखा गया है, जिसमें विचार की अवधारणा से लेकर विश्व स्तरीय वस्त्र उत्पादों की डिलीवरी तक शामिल है। इसका प्रभाव बहुआयामी था और इसने मांग, कपड़ों के प्रकार, फैशन परिधान, हाई-टेक और पर्यावरण-अनुकूल कपड़ों के विकास को प्रभावित किया। वैश्वीकरण ने भारतीय वस्त्र उद्योग के श्रमिकों और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार किया और साथ ही उद्योग के उत्पादन स्वचालन को इस तरह से बढ़ाया कि आज यह वैश्विक वस्त्र उद्योग के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।