जैव विविधता प्रबंधन एवं वानिकी जर्नल

उत्तर-पूर्व भारत के गारो हिल्स में स्वदेशी समुदाय-आधारित जलवायु भेद्यता और क्षमता आकलन के लिए एक रूपरेखा

पीके यादव और किरणमय शर्मा

उत्तर-पूर्व भारत के गारो हिल्स में स्वदेशी समुदाय-आधारित जलवायु भेद्यता और क्षमता आकलन के लिए एक रूपरेखा

यह ढांचा जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशीलता और अनुकूलन को संबोधित करने के प्रयासों का हिस्सा है। यह गरीबी उन्मूलन, उत्पादक रोजगार को भरने और सामाजिक एकीकरण को बढ़ाने के लिए उपयोगी है। जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा प्रभाव उन क्षेत्रों पर पड़ेगा, जहां जनसंख्या घनत्व अधिक है, जलवायु संबंधी खतरों के प्रति महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जोखिम है, परिवारों की संवेदनशीलता अधिक है, शासन व्यवस्था खराब है और प्राकृतिक संसाधनों पर तनाव के प्रति कम लचीलापन है। गारो पहाड़ियों में स्वदेशी समुदाय आधारित जलवायु संवेदनशीलता और क्षमता मूल्यांकन (सीबीवीसीए) का आजीविका, खाद्य प्रणालियों, पारिस्थितिक तनाव और संस्कृति पर प्रभाव पड़ता है। यह अध्ययन चल रही सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों के संदर्भ में पूर्वोत्तर भारत के गारो पहाड़ियों में जलवायु परिवर्तन के प्रति सीबीवीसीए की विशेषता बताता है।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।