जैव विविधता प्रबंधन एवं वानिकी जर्नल

इम्फाल पश्चिम के फयेंग सामुदायिक वनों में पुष्प समृद्धि की वर्तमान स्थिति

अशेम राहुल सिंह, भारती ब्रह्मचारिमयूम, सिंह एसएस, आरएम विनो, अपाओ बुनी, केटी खिनो अनल और सलाम रीता देवी

सामुदायिक वनों का संरक्षण स्थानीय आबादी के अस्तित्व के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सामुदायिक वनों के अस्तित्व से न केवल छाया, आश्रय, स्वच्छ हवा और पानी मिलता है, बल्कि बाढ़, सूखा या किसी भी तरह की मानवजनित गड़बड़ी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी सुरक्षा मिलती है। प्रस्तुत शोधपत्र फेयेंग सामुदायिक वनों में पुष्प विविधता की वर्तमान स्थिति को उनके वैज्ञानिक नाम, स्थानीय नाम, परिवार और उनके उपयोगों के साथ प्रस्तुत करता है। अध्ययन में गांव के घर के बगीचे में उगने वाले फलदार वृक्षों की प्रजातियों को भी दर्ज किया गया है। दर्ज की गई कुल 95 वृक्ष प्रजातियों में से, 44 परिवारों की पहचान जंगलों के अंदर उगने वाले वृक्षों की विविधता के अनुसार की गई। सबसे अधिक वृक्ष घनत्व मेलियासी, मोरेसी, रुबियासी और लॉरेसी परिवारों में पाया गया, उसके बाद क्रमशः यूफोरबियासी, फैबेसी और फैगेसी का स्थान रहा। इसी तरह, गांव के घर के बगीचे में 41 फलदार वृक्षों की प्रजातियाँ दर्ज की गईं। पहचानी गई फल प्रजातियों का उपयोग आमतौर पर उनकी आर्थिक आजीविका और समुदाय की गुणवत्ता के लिए किया जाता था। सामुदायिक वन उपलब्ध संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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