प्रज्वला बी, रघु एन, गोपीनाथ टीएस और बसलिंगप्पा केएम*
आयुर्वेदिक चिकित्सा में गुडुची को तीन अमृत पौधों में से एक माना जाता है। अमृत का अर्थ है देवताओं का अमृत; इस चढ़ने वाले पौधे के गुण ऐसे हैं कि संस्कृत में इसे "अमृतवल्ली" कहा जाता है। गुडुची का वानस्पतिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया है। गुडुची आयुर्वेद साहित्य में अच्छी तरह से प्रलेखित है। इसका उपयोग कई औषधि निर्माणों में किया जाता है। इस जड़ी बूटी के बिना आयुर्वेदिक अभ्यास संभव नहीं हो सकता है। यह स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बहाल करने और कई बीमारियों के इलाज और उपचार में उपयोगी है और सभी बीमारियों और विकारों के लिए रामबाण (उपचार) के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिक अध्ययन भी इस औषधीय जड़ी बूटी के लाभकारी गुणों जैसे कार्डियो प्रोटेक्टिव, हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीइंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक प्रभाव का मूल्यांकन और पुष्टि करते हैं, गुडुची के रसायन और प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में आयुर्वेदिक विचारों की पुष्टि करते हैं। वर्तमान समीक्षा गुडुची के औषधीय गुणों और आयुर्वेद में इसके उपयोगों को शामिल करती है।