शुमायला सैफी और सतवंती कपूर
पृष्ठभूमि: मासिक धर्म को महिला यौवन की पूरी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है और इसलिए यह वृद्धि और विकास के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मासिक धर्म की उम्र आमतौर पर 9-18 वर्ष के बीच होती है और पिछली सदी में इसमें कमी आई है। उद्देश्य: वर्तमान अध्ययन का उद्देश्य उत्तर भारत की मुस्लिम महिलाओं में मासिक धर्म की उम्र और इसे प्रभावित करने वाले कारकों का पता लगाना था।
विधियाँ: यह अध्ययन राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न भागों में आयोजित एक समुदाय आधारित क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन है। पूर्व-डिज़ाइन और पूर्व-परीक्षणित प्रश्नावली के माध्यम से डोर-टू-डोर सर्वेक्षण से डेटा एकत्र करने के लिए यादृच्छिक नमूनाकरण का उपयोग किया गया था।
परिणाम: वर्तमान अध्ययन में मासिक धर्म शुरू होने की औसत आयु 13.3 ± 1.59 वर्ष पाई गई। अधिकांश विषय (51.5%) अविवाहित थे और एकल परिवारों (63%) से संबंधित थे। 24.5% उत्तरदाताओं ने माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद उच्चतर माध्यमिक (22.3%), इंटरमीडिएट (14.5%) और प्राथमिक (12.8%) का स्थान रहा। उत्तरदाताओं की शिक्षा, उनकी माँ की शिक्षा, परिवार का प्रकार, परिवार का आकार, कष्टार्तव की उपस्थिति और सामाजिक-आर्थिक स्थिति मासिक धर्म शुरू होने की आयु को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रही है (p<0.001)। सभी उत्तरदाताओं ने मासिक धर्म चक्र के दौरान किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि से बचने की बात कही।
निष्कर्ष: सदियों से मासिक धर्म शुरू होने की उम्र कम होती जा रही है और शिक्षा, माँ की शिक्षा, परिवार का प्रकार और आकार, मासिक धर्म संबंधी बीमारियाँ और सामाजिक-आर्थिक स्थिति जैसे कारक मासिक धर्म शुरू होने की उम्र को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रहे हैं। अध्ययन की गई आबादी में मासिक धर्म शुरू होने की कम उम्र की तुलना पिछले समान अध्ययनों से करने पर, यह कहा जा सकता है कि समय के साथ पोषण और सामाजिक कल्याण में सुधार हुआ है।