हिरोनारी नोमुरा और ताकाशी शाइना
यूकेरियोटिक कोशिकाओं में माइटोकॉन्ड्रिया और क्लोरोप्लास्ट क्रमशः α-प्रोटिओबैक्टीरियम और साइनोबैक्टीरियम से उत्पन्न एंडोसिम्बायोटिक अंग हैं । पूर्व ऑक्सीडेटिव श्वसन के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि बाद वाले प्रकाश संश्लेषक यूकेरियोटिक कोशिकाओं के भीतर प्रकाश संश्लेषण के स्थल हैं । इन अंगों में अपचय और उपचय प्रक्रियाओं को एक अस्थिर वातावरण की प्रतिक्रिया में विनियमित किया जाता है। यूकेरियोटिक कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार की शारीरिक प्रतिक्रियाओं की मध्यस्थता करने वाले सिग्नल ट्रांसडक्शन मार्गों में Ca2+ महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साइटोसोलिक Ca2+ सांद्रता में वृद्धि से Ca2+ सेंसर और/या Ca2+-बाइंडिंग प्रोटीन की सक्रियता होती है, जिसके बाद चयापचय एंजाइम और प्रतिलेखन पैटर्न की गतिविधि का मॉड्यूलेशन होता है। इसी तरह के Ca2+ सिग्नलिंग न केवल साइटोसोल में बल्कि माइटोकॉन्ड्रिया और क्लोरोप्लास्ट जैसे एंडोसिम्बायोटिक अंगों में भी होने की उम्मीद है। बढ़ते प्रमाण बताते हैं कि माइटोकॉन्ड्रिया और क्लोरोप्लास्ट पादप कोशिकाओं में इंट्रासेल्युलर Ca2+ सिग्नलिंग नेटवर्क से जुड़े हैं। जैविक और अजैविक (पर्यावरणीय) तनावों के जवाब में सेलुलर प्रक्रियाओं के विनियमन में ऑर्गेनेलर Ca2+ सिग्नलिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह पेपर पादप कोशिकाओं में ऑर्गेनेलर Ca2+ सिग्नलिंग पर वर्तमान जानकारी का सारांश प्रस्तुत करता है।