जर्नल ऑफ़ नैनोमटेरियल्स एंड मॉलिक्यूलर नैनोटेक्नोलॉजी

नैनोसिल्वर कणों का पादप-मध्यस्थ जैवसंश्लेषण, इसके अनुप्रयोग और जैव-खतरे

अब्दुल मुईज़, शब्बीर हुसैन और मुहम्मद अमजद*

इलेक्ट्रॉनिक्स, उत्प्रेरक, तथा चुम्बक, यांत्रिकी, जैव-चिकित्सा, औषधीय कॉस्मेटिक, बायोइमेजिंग, ईंधन सेल तथा फोटोवोल्टिक सेल के लिए सामग्री तथा उच्च गति वाले आधुनिक युग के संचार के क्षेत्र में धातु नैनोकण दिन-प्रतिदिन महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। यह सब उनके विशिष्ट विशिष्ट भौतिक, जैविक तथा रासायनिक गुणों के कारण है, जो प्रतिदिन उनकी लोकप्रियता को बढ़ा रहे हैं। यह समीक्षा पौधे के विभिन्न भागों जैसे पत्तियों, जड़ों, फूलों, छाल तथा बीजों से अर्क का उपयोग करके नैनोसिल्वर कणों के त्वरित जैविक संश्लेषण को दर्शाती है। इस समीक्षा का उद्देश्य संबंधित पादप मध्यस्थता तथा अभिलक्षणिकीकरण तकनीकों के माध्यम से नैनोसिल्वर कणों के संश्लेषण के बारे में नए नवाचार के बारे में जानकारी प्रदान करना है। छोटे नैनोकणों की साइटोटॉक्सिसिटी बड़े नैनोकणों की तुलना में अधिक होती है। अंत में, यह समीक्षा विभिन्न क्षेत्रों में नैनोसिल्वर कणों के अनुप्रयोग तथा उनके भविष्य के साथ समाप्त होती है। नैनो धातुओं के भविष्य की संभावना तथा जैविक खतरों का भी उल्लेख किया गया है।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।