रेडा बायोमी, हेबा मंसूर, मोहम्मद हसन, नीमा एल्मेलिगी और हनी एबैद
उद्देश्य: मोटापा वैश्विक स्तर पर बीमारी और विकलांगता के बोझ का एक प्रमुख कारण है। उद्देश्य: स्ट्रेन और स्ट्रेन रेट टिशू डॉपलर इमेजिंग द्वारा बाएं वेंट्रिकुलर संरचना और सिस्टोलिक फ़ंक्शन पर मोटापे के उप-नैदानिक प्रभावों का आकलन। रोगी और विधियाँ: बॉडी मास इंडेक्स >30 kg/m² वाले और हृदय संबंधी बीमारी से रहित पचास मोटे रोगियों को शामिल किया गया। इस समूह के पच्चीस रोगी गंभीर रूप से मोटे (BMI>35 kg/m²) और अन्य 25 हल्के रूप से मोटे (BMI 30-35 kg/m²) थे। अन्य 50 आयु-और लिंग-मिलान वाले स्वस्थ स्वयंसेवकों (BMI <25 kg/m²) को नियंत्रण समूह के रूप में शामिल किया गया। पारंपरिक इकोडोप्लरकार्डियोग्राफी और ऊतक डॉपलर स्ट्रेन/स्ट्रेन रेट इमेजिंग की गई। परिणाम: मोटे व्यक्तियों का LV द्रव्यमान और LV द्रव्यमान सूचकांक बड़ा होता है और बॉडी मास इंडेक्स और बाएं वेंट्रिकुलर मास इंडेक्स के बीच एक महत्वपूर्ण सीधा संबंध पाया गया। मोटे समूह बनाम गैर मोटे समूहों में औसत सिस्टोलिक मायोकार्डियल वेग में महत्वपूर्ण कमी आई। मोटे समूह बनाम गैर मोटे समूहों में औसत सिस्टोलिक तनाव काफी कम था। मोटे समूह बनाम गैर मोटे समूहों में औसत सिस्टोलिक तनाव दर काफी कम थी। वैश्विक अनुदैर्ध्य तनाव और औसत शिखर सिस्टोलिक तनाव दर मोटे बनाम गैर मोटे समूहों में कम थी और बॉडी मास इंडेक्स और तनाव के शिखर सिस्टोलिक वेग और तनाव दर के बीच एक महत्वपूर्ण व्युत्क्रम संबंध पाया गया। निष्कर्ष: तनाव और तनाव/दर ऊतक डॉपलर इमेजिंग मोटापे में उप-नैदानिक हृदय संबंधी कार्यात्मक और संरचनात्मक परिवर्तनों की भविष्यवाणी कर सकती है।