जर्नल ऑफ फोरेंसिक टॉक्सिकोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी

विकासशील देशों में एल्युमिनियम फॉस्फाइड (ALP) विषाक्तता एक चुनौती है। लक्षण, निदान और उपचार रणनीतियाँ

सईद अघेबत बेखियर*

कीटनाशकों और कृंतकनाशकों द्वारा आकस्मिक या जानबूझकर विषाक्तता एक गंभीर चुनौती है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण विषाक्त पदार्थों में से एक एल्युमिनियम फॉस्फाइड (ALP) है, जो विकासशील देशों में बहुत चिंता का विषय है। इस पदार्थ की विषाक्तता का मुख्य तंत्र माइटोकॉन्ड्रिया में इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण श्रृंखला के अवरोध के रूप में व्यक्त किया जाता है, जो लिपिड पेरोक्सीडेशन को बढ़ाता है, GSH को कम करता है और इस प्रकार ATP उत्पादन को कम करता है। हल्के से लेकर गंभीर AlP विषाक्तता के लक्षणों की एक श्रृंखला की रिपोर्ट की गई है, जिसमें हृदय और श्वसन संबंधी विकारों वाले रोगियों में मृत्यु का प्रमुख कारण है। विषाक्तता का निदान पहलू ज्यादातर रोगी के इतिहास, आत्म-अभिव्यक्ति और नैदानिक ​​लक्षणों पर आधारित होता है।

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