एंडोक्रिनोलॉजी और मधुमेह अनुसंधान

मक्का शहर में बचपन में मोटापा

आदिल उमर बहाथिक

अमूर्त

उद्देश्य: प्रस्तुत अध्ययन में बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और कमर की परिधि (डब्ल्यूसी) का उपयोग करके मक्का के स्कूली बच्चों द्वारा प्रतिनिधित्व की जाने वाली सऊदी महिला बच्चों में मोटापे का आकलन किया गया।

विधियाँ: इस अध्ययन में 157 बच्चे (n = 1057) शामिल थे, जिनकी उम्र 6 से 15 वर्ष के बीच थी। माप के मापदंडों में ऊँचाई, वजन, कमर की परिधि (WC) और रक्तचाप शामिल हैं।

परिणाम: बीएमआई प्रतिशत के अनुसार भाग लेने वाले बच्चों को तीन समूहों में विभाजित किया गया था, 65 बच्चे 5वें प्रतिशत से कम थे जिन्हें कम वजन माना जाता था, 502 बच्चे 5वें - 85वें प्रतिशत से थे जिन्हें सामान्य माना जाता था और 490 बच्चे 85वें प्रतिशत से अधिक थे जिन्हें मोटापे से ग्रस्त माना जाता था। 37.3% मोटे बच्चों में उच्च रक्तचाप होता है। इसलिए, मोटे बच्चों में उच्च रक्तचाप बीएमआई के साथ सकारात्मक रूप से सहसंबद्ध था।

निष्कर्ष: मोटापा एक दीर्घकालिक विकार है जिसके कई कारण हैं। हालाँकि, मोटापा जीवन शैली, शारीरिक गतिविधि, आहार और आनुवंशिक कारकों जैसी कई विशेषताओं के जवाब में बदलता है। मोटे बच्चों में वयस्कता में हृदय संबंधी रोग, पाचन संबंधी रोग और उच्च रक्तचाप होने की संभावना दुबले या सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक होती है। सऊदी अरब में बचपन में मोटापा इतनी तेजी से बढ़ा है कि यह एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।