एंडोक्रिनोलॉजी और मधुमेह अनुसंधान

मधुमेह रोगियों में डिस्लिपिडेमिक पैटर्न और ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन स्थिति का अध्ययन

गुणवंती बी राठौड़, प्रग्नेश परमार, संगीता राठौड़ और आशीष पारिख

मधुमेह रोगियों में डिस्लिपिडेमिक पैटर्न और ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन स्थिति का अध्ययन

पृष्ठभूमि: मधुमेह मेलिटस चयापचय रोगों का एक समूह है जो हर साल वैश्विक स्तर पर लगभग 5% मौतों का कारण बनता है। अधिकांश मधुमेह रोगी डिस्लिपिडेमिया से भी पीड़ित होते हैं।
लक्ष्य और लक्ष्य: मधुमेह रोगियों में ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन स्तर (HbA1c) और सीरम लिपिड स्तर का अध्ययन करना और मधुमेह रोगियों में ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन स्तर की तुलना उनके लिपिड स्तर से करना।
सामग्री और विधियाँ : वर्तमान अध्ययन जनवरी 2011 से जनवरी 2012 की अवधि के बीच गायत्री अस्पताल, गांधीनगर, गुजरात में किया गया था। यह एक अवलोकन अध्ययन था जिसमें इनडोर और आउटडोर रोगी विभाग के कुल 60 मधुमेह रोगियों को शामिल किया गया था। परिणाम:
60 मधुमेह रोगियों में से 63.33% पुरुष थे, 65% रोगी डिस्लिपिडेमिक थे और 55% में खराब ग्लाइसेमिक नियंत्रण था HbA1C का उपयोग मधुमेह रोगियों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण के सूचक के साथ-साथ लिपिडेमिक स्थिति के बायोमार्कर के रूप में भी किया जा सकता है।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।